October 16, 2024

 चल सको तो चलो !

सफर में धूप, ठडं और बारिस तो बहुत होगी,
इन मौसमों में चल सको तो चलो,
भीड़ तो बहुत होगी हर जगह राह पर,
नई राह कोई बना सको तो चलो।
माना कि मंजिल बहुत दूर है,
एक कदम बढ़ा सको तो चलो,
मुशकिलें बहुत होगी सफर में,
भरोसा है खुद पर, कर सको तो चलो।
हर पल, हर दिन, रंग बदल रही है जिंदगी,
तुम अपना कोई नया रंग, बना सको तो चलो।
राह में साथ नहीं मिलेगा, अकेले चल सको तो चलो,
जिंदगी के कुछ मीठे पल, बुन सको तो चलो।
बेकार की रास्तों की तलाश छोड़ दो,
कठिन रास्तो पर, चल सको तो चलो,
छोटी-छोटी खुशियों में, तुम जिंदगी,
ढूंढ सको तो, बेसक बेझिझक चलो।
यही है ज़िन्दगी, कुछ ख़्वाब, चन्द उम्मीदें,
इन्हीं खिलौनों से तुम भी, बहल सको तो चलो।
तुम ढूंढ रहे हो अंधेरो में, बहुत रौशनी,
खुद अपने को रौशन, कर सको तो चलो,
कौन रोक पायेगा रास्ता कोई, जुनून बचा है तो चलो।,
गम सह कर सबको, खुशियां बांट सको तो चलो।
खुद पर हंसकर दूसरों को, हंसा सको तो चलो,
दुनिया बदलने की चाह छोड़ कर,
खुद को बदल सको तो चलो।
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