September 18, 2024

  दर्पण

तुम चाल चलन जो देखो, पहले अपने को देखो,
कालिख पोतो फिर औरो पर, दर्पण पर तब पत्थर फेकों।
मत भूलो ऐ अभिमानी, तुम अपनी चाल पुरानी,
जीवन की यही कहानी, मिटती हर चीज पुरानी।
तुम ईश वचन को जानो, पहले अपने को पहचानो,
पाप किया न जग में जो हो, पहला ही पत्थर मारे वो ।
दोष ढूढ़ता जो दूसरे का, दोषी बड़ा वही है सबसे ,
सत्य प्रेम का मार्ग पकड़ ले, यही स्वर्ग तक ले जायेगा।
खाली हाथ तू आया था, और खाली हाथ ही जायेगा,
मेल प्यार से जी ले जीवन, तभी अमर बन पायेगा ।
फादर विन्सेंट सालबातोरी

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