"रिश्ता" दिल से होना चाहिए, शब्दों से नहीं,
"नाराजगी" शब्दों में होनी चाहिए दिल में नहीं
सड़क कितनी भी साफ हो "धुल" तो हो ही जाती है,
सड़क कितनी भी साफ हो "धुल" तो हो ही जाती है,
इंसान कितना भी अच्छा हो "भूल" तो हो ही जाती है!
आइना और परछाई के जैसे मित्र रखो
क्योंकि आइना कभी झूठ नहीं बोलता
और परछाई कभी साथ नहीं छोङती..
और परछाई कभी साथ नहीं छोङती..
खाने में कोई 'ज़हर' घोल दे तो, एक बार उसका 'इलाज' है..
लेकिन 'कान' में कोई 'ज़हर' घोल दे तो, उसका कोई 'इलाज' नहीं है।
मैं अपनी 'ज़िंदगी' में हर किसी को 'अहमियत' देता हूँ
क्योंकि जो 'अच्छे' होगे वो 'साथ' देगे..
क्योंकि जो 'अच्छे' होगे वो 'साथ' देगे..
और जो 'बुरे' होगे वो 'सबक' देगे !
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