March 26, 2016

अपने स्वभाव में जियो !

न किसी के अभाव में जियो, 
न किसी के प्रभाव में जियो।
यह जिंदगी है आपकी, 
अपने स्वभाव में जियो।
बंद कर दिया सांपों को, 
सपेरे ने यह कहकर,
अब इंसान ही इंसान को, 
डसने के काम आएगा

आत्महत्या कर ली गिरगिट ने, 
सुसाइड नोट छोडकर,
अब इंसान से ज्यादा, 
मैं रंग नहीं बदल सकता!

गिद्ध भी कहीं चले गए, 
लगता है उन्होंने देख लिया,
कि इंसान हमसे अच्छा नोंचता है!

कुत्ते कोमा में चले गए, ये देखकर,
क्या मस्त तलवे चाटता है इंसान!

कोई टोपी, तो कोई अपनी पगड़ी बेच देता है,
मिले अगर अच्छा भाव, तो जज कुर्सी भी बेच देता है!

जला दी जाती है ससुराल में, अक्सर वही बेटी,
जिसकी खातिर बाप, किडनी भी बेच देता है!

ये कलयुग है, कोई भी चीज़ नामुमकिन नहीं इसमें,
कली, फल, फूल, पेड़, पौधे सब माली बेच देता है!
धन से बेशक रहो गरीब , पर दिल से रहना धनवान,
अक्सर झोपड़ी पे लिखा होता है "सुस्वागतम"
और महल वाले लिखते हैं: "कुत्तों से सावधान"
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