March 11, 2016

लाख टके की बात

कोई नही देगा साथ तेरा यहॉं
हर कोई यहॉं खुद ही में मशगुल है
जिंदगी का बस एक ही ऊसुल है यहॉं,
तुझे गिरना भी खुद है और सम्हलना भी खुद है.
                    
'पायल ' हज़ारों रूपये में आती है 
पर पैरो' में पहनी जाती है और
बिंदी ' एक रूपये में आती है
मगरमाथे ' पर सजाई जाती है.

इसलिए कीमत मायने नहीं
रखती उसका कृत्य मायने रखता हैं.

एक 'किताबघर' में पड़ीगीता " औरकुरान "
आपस में कभी नहीं लड़ते,
और जो उनके लिए लड़ते हैं
वो कभी उन दोनों को नहींपढ़ते ".

'नमक ' की तरह 'कड़वा ' ज्ञान देने वाला ही ' सच्चा मित्र ' होता है.
' मीठी ' बात करने वाले तो  ' चापलूस ' भी होते है.
इतिहास गवाह है की आज तक कभी ' नमक ' में ' कीड़े ' नहीं पड़े
और 'मिठाई' में तो अक़्सर  ' कीड़े ' पड़ जाया करते है.

"अच्छे मार्गपर कोई व्यक्ति नहीं जाता
परबुरे मार्ग " पर सभी जाते है
इसीलियेदारू " बेचने वाला कही नही जाता,
परदूध बेचने" वाले को
घर, गली-गली, कोने-कोने जाना पड़ता है
और दूध वाले से बार-बार पूछा जाता है किपानी तो नही डाला “?
पर दारू मे खुदहाथो से पानी " मिला-मिला पीते है
वाह रे दुनियाँ और दुनियाँ की रीत
******************************************

No comments: